संवाद गोष्ठी का आयोजन : संजय

संवाद गोष्ठी का आयोजन : संजय

चम्पारण नीति/बेतिया(प.च.) बिहार:  आज दिनांक 21 दिसम्बर 2025 को गणपत यूनिवर्सिटी, मेहसाणा, अहमदाबाद, गुजरात एवं लक्ष्य फाउण्डेशन, बेतिया, पश्चिम चम्पारण, बिहार के संयुक्त तत्वावधान में "वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का महत्व एवं प्रभाव" विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन माया विवाह भवन, हरिवाटिका चौक, बेतिया, पश्चिम चम्पारण, बिहार के सेमिनार हॉल में किया गया।   
              इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में गणपत यूनिवर्सिटी, मेहसाणा, अहमदाबाद, गुजरात के डीन डॉ. श्री निर्भय चौबे एवं प्रो. श्री विजय पटेल उपस्थित हुये। संगोष्ठी को संबोधित करते हुये उक्त दोनों व्यक्तियों ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्व एवं प्रभाव से आम लोंगों के साथ-साथ छात्र / छात्राओं एवं अभिभावकों को अवगत कराने तथा उन्हें जागरूक करने हेतु शिक्षकों व सामाजिक कार्यक्रर्ताओं की भूमिकाओं को रेखांकित किया। अपने सम्बोधन में डॉ. श्री निर्भय चौबे ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संदर्भमें विस्तार से जानकारी देते हुये कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विज्ञान का एक ऐसा आधुनिक मशिन है, जो मानव के व्यवहारों के अध्ययन के साथ-साथ मानव के सभी कार्यों को करने में सक्षम है। यह डाटा संग्रह, स्वास्थ्य प्रणाली, यातायात के व्यवस्थाओं की देख-रेख में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में इसकी उपयोगिता काफी बढ़ने की सम्भावना है। इससे लाभ के साथ-साथ कुछ नुकशान भी हो सकते हैं। इसलिए आज सबकों इसके बारे में जानने की आवश्यकता है। अपने सम्बोधन में प्रो. श्री विजय पटेल जी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अन्तर्गत किये जा रहे कार्यों के संदर्भ में बतलाते हुये कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर विज्ञान की वह शाखा है, जो मशीनों को इसानों की तरह सोचने, सीखने और निणर्य लेने की क्षमता प्रदान करती है। यह वर्तमान में मुख्यतः दो प्रकार से कार्य कर रहे हैं। जिसमें मशीन लर्निंग एवं जेनरेटिव ए. आई, प्रमुख है। आगे उन्होंने इस क्षेत्र में गणपत यूनिवर्सिटी के द्वारा किये जा रहे कार्यों का का विस्तार से उल्लेख करते हुये डिजिटल प्रस्तुतीकरण दिया।

अपने संम्बोधन के क्रम में लक्ष्य फाउण्डेशन, बिहार/झारखंड, के निदेशक श्री संजय कुमार वर्मा ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानि कृत्रिम बुद्धिमिता एक ऐसी तकनीक है जिसके माध्यम से कप्यूटर सिस्टम उन कार्यों को करने में सक्षम हो जाता है। जिसके लिए आमतौर पर मानव बुद्धि की आवश्यकता होती है। जैसे कि भाषा समझना, पैटर्न पहचानना और समस्याओं को हल करना इत्यादि। यह भारी मात्रा में डेटा के विश्लेषण करने तथा पैटर्न पहवान कर भविष्य के कार्यों के लिए खुद को तैयार करने में भी सक्षम है। इसलिए आज के समय में इसके व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है। अपने संबोधन के क्रम में श्री वर्मा ने कहा कि आज के समय में छात्र/छात्राओं को लक्ष्य निर्धारित शिक्षा प्राप्त करने की आवश्यकता है। यानि बनना क्या है यह पहले सोचना होगा, फिर उस हिसाब से कोर्स का चुनाव कर दाखिला लेना होगा। इसलिए सभी छात्र/छात्राओं का उचित समय पर कैरियर काउंसिलिंग कराने की आवश्यकता पर जोर दिया। संगोष्ठी में उपस्थित सभी वक्ताओं ने वर्तमान परिस्थिति में आज की इस संगोष्ठी को एक बेहतर प्रयास कहा।

आज की इस संगोष्ठी में पश्चिम चम्पारण जिला के साथ-साथ आस-पास के कई जिलों के शिक्षाविद सामाजिक कार्यकर्ता, स्वंयसेवी संस्था के प्रतिनिधि, शिक्षकबन्धु एवं पंचायती राज के प्रतिनिधि गण के रूप में सैकड़ों व्यक्ति उपस्थित हुये। संगोष्ठी की अध्यक्षता श्री रविन्द्र कुमार चौधरी, प्राचार्य, महारानी जानकी कुवंर महाविद्यालय, बेतिया ने तथा शुभारंभ श्री रविन्द्र कुमार, जिला शिक्षा पदायिकारी, पश्चिम चम्पारण, बेतिया ने दीप प्रज्वलित कर किया। संचालन श्री संजय कुमार वर्मा, निदेशक, लक्ष्य फाउण्डेशन, के द्वारा किया गया। इस संगोष्ठी को सफल बनाने में लक्ष्य फाउण्डेशन के सुश्री रिया कुमारी, श्री गुलाब प्रसाद, श्री अनिल कुमार श्रीवास्तव, मनोज कुमार ओझा. श्री भृगुनाथ शर्मा, श्री अरूण कुमार तथा गणपत यूनिवर्सिटी, के श्री सुधांशु कुमार पान्डेय का सराहनीय योगदान रहा।



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