समाहरणालय सभाकक्ष में विभिन्न विषयों की हुई विस्तृत समीक्षा।
कार्य में लापरवाही, अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों को शोकाॅज सहित एक दिन का वेतन स्थगित करने का निर्देश ।
बेतिया। जिलाधिकारी, कुंदन ने कहा कि सभी सरकारी अधिकारी एवं कर्मी को आमजन के विकास एवं कल्याण हेतु कार्य करना चाहिए। विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित जन शिकायतों का निष्पादन तीव्र से कराना अतिआवश्यक है । उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी पूरी निष्ठा एवं ईमानदारीपूर्वक जन शिकायतों का त्वरित गति से निष्पादन करें। एक-एक शिकायत पर विशेष ध्यान देना सुनिश्चित करें। बार-बार शिकायत करने के बावजूद अगर किसी शिकायकर्ता के समस्या का समाधान करने में किसी अधिकारी द्वारा आनाकानी या शिथिलता बरती जायेगी तो संबंधित के विरूद्ध सख्त कार्रवाई निश्चित है। जिलाधिकारी समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित समीक्षात्मक बैठक में सभी जिलास्तरीय पदाधिकारी, सभी एसडीएम, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी अंचलाधिकारी, सभी सीडीपीओ, सभी थानाध्यक्ष आदि को निदेशित कर रहे थे।
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में क्रियान्वित विभिन्न विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन पूर्ण पारदर्शी तरीके से विभागीय निदेश के आलोक में कराया जाय ताकि गड़बड़ी की संभावना नहीं रहे। अगर कोई अधिकारी अथवा कर्मचारी जानबूझ कर गड़बड़ी करने की कोशिश करेंगे तो उनको किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जायेगी, सख्त अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी।
उन्होंने कहा कि जन शिकायत से संबंधित प्रत्येक विभाग/कार्यालय में लाॅगबुक का संधारण अनिवार्य रूप से किया जाय। सहूलियत हेतु पंचायतवार लाॅगबुक का संधारण किया जा सकता है। लाॅगबुक में अंकित शिकायतों का साप्ताहिक समीक्षा करें और यह सुनिश्चित करें कि जन शिकायतों का पारदर्शी तरीके से निष्पादन होता रहे। उन्होंने कहा कि गंभीर अनियमितता से संबंधित शिकायतों, वित्तीय दुर्विनियोग आदि से संबंधित गंभीर मामलों के लिए अलग से लाॅगबुक का संधारण करते हुए प्राथमिकता के तौर पर इनका निष्पादन कराना सुनिश्चित किया जाय।
आज की बैठक में सी.डब्ल्यू.जे.सी., एम.जे.सी., एल.पी.ए., राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से संबंधित मामलों, बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग से संबंधित मामलों, माननीय लोकायुक्त से संबंधित लंबित मामलों, सेवान्त लाभ के भुगतान से संबंधित मामलों, अनुकम्पा आधारित नियुक्ति से संबंधित मामलों, भूमि विवाद से संबंधित मामलों, थानास्तरीय जनता दरबार से संबंधित मामलों, विधि-व्यवस्था से संबंधित मामलों, मद्य निषेध से संबंधित मामलों, बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम के लंबित मामलों, जन शिकायत पंजी का संधारण एवं परिवादों का निष्पादन से संबंधित मामलों, जिलास्तर पर गठित निदान केन्द्र के कार्यों आदि की विस्तृत समीक्षा की गयी।
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि यह राज्य सरकार की अत्यंत ही महत्वपूर्ण अधिनियम है। इस अधिनियम का अनुश्रवण उच्चस्तरीय टीम द्वारा लगातार किया जा रहा है। इस अधिनियम के तहत समयबद्ध तरीके से परिवादों का निष्पादन किया जाना है। समीक्षा के क्रम में यह मामला प्रकाश में आया कि कुछेक अधिकारी बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधियिम की सुनवाई में भाग लेने में आनाकानी या लापरवाही बरत रहे हैं। इसे अत्यंत गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि सभी संबंधित अधिकारी प्राथमिकता के तौर पर सुनवाई में शामिल हों तथा परिवादों के निष्पादन में तेजी लाएं। साथ ही सुनवाई से संबंधित पूर्व सूचनाओं का ध्यान दें और ससमय सुनवाई में भाग लेना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि बिहार लोक शिकायत अधिकार अधिनयम के तहत 60 दिनों के अंदर परिवाद का निष्पादन करने हेतु विभागीय निदेश है। इसके बावजूद कई केन्द्रों पर अत्यधिक दिनों से कई मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि इन सभी लंबित मामलों का निष्पादन प्राथमिकता देकर अविलंब कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी द्वारा लंबित मामलों से संबंधित अधिकारियों को अंतिम चेतावनी दी गयी कि ससमय मामलों का निष्पादन कराना सुनिश्चित करें अन्यथा प्रपत्र-क में आरोप गठित करते हुए अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी तथा संबंधित अधिकारी के उपर विभागीय निदेशानुसार जुर्माना किया जायेगा।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से संबंधित लंबित 31 मामलों का निष्पादन हर हाल में जनवरी माह के अंत तक निष्पादित करने का निदेश संबंधित विभागों/कार्यालयों के प्रधान को दिया गया है। समीक्षा के क्रम में बताया गया कि बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग से संबंधित 153 मामलों में से 123 का निष्पादन कर दिया गया है। प्रभारी पदाधिकारी, जिला सामान्य शाखा को संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर शेष लंबित मामलों का निष्पादन अविलंब कराने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है।
समीक्षा के क्रम में बताया गया कि सी.डब्ल्यू.जे.सी./एम.जे.सी. के 249 मामलों का निष्पादन करा दिया गया है। जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि माननीय उच्च न्यायालय में प्रतिशपथ पत्र/कारणपृच्छा दाखिल करने में तीव्रता दिखाये तथा मामलों के निष्पादन में तेजी लाएं। वहीं सेवान्त लाभ से संबंधित मामलों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि संबंधित अधिकारी संवदेनशील होकर सेवान्त लाभ से संबंधित मामलों का त्वरित गति से निष्पादन करायें। उन्होंने निदेश दिया कि एक सप्ताह के अंदर सभी संबंधित पदाधिकारी सेवान्त लाभ से संबंधित मामलों का निष्पादन हर हाल में कराना सुनिश्चित करेंगे।
जिलाधिकारी ने कहा कि विभिन्न स्थलों पर विभिन्न विकासात्मक एवं कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु आवश्यकता पड़ने पर सरकारी भूमि की तलाश की जाती है। इस प्रक्रिया में अनावश्यक विलंब होता है। इस समस्या का निराकरण करने हेतु लैंड बैंक बनाने की आवश्यकता है। सभी अंचल अधिकारी जनवरी माह के अंत तक अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत सरकारी भूमि का पूरा डाटा एकत्र करेंगे तथा लैंड बैंक में अद्यतन करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकारी भूमि पर सोलर प्लांट, वृक्षारोपण सहित कई जन कल्याणकारी योजनाओं का क्रियान्वयन प्रस्तावित है। सभी अंचलाधिकारी निर्धारित समय सीमा के अंदर यह प्रतिवेदित करेंगे कि उनके यहां सभी सरकारी भूमि को लैंड बैंक में अद्यतन कर दिया गया है इसके अलावा उनके अंचल क्षेत्र में अन्य सरकारी भूमि नहीं है। साथ ही यह भी निदेश दिया गया कि सरकारी भूमि का अगर अतिक्रमण कर लिया गया है तो उसे संबंधित एचएचओ से समन्वय स्थापित कर अतिक्रमणमुक्त कराना सुनिश्चित करेंगे।
उन्होंने कहा कि समाहरणालय परिसर में संचालित निदान काॅल सेंटर अच्छे तरीके से कार्य कर रहा है। निदान काॅल में फिलवक्त पीएचईडी, ग्रामीण सड़क विभाग, पथ निर्माण विभाग आदि से संबंधित शिकायतों का निपटारा किया जा रहा है। निदान कॉल सेंटर का लैंड लाइन नंबर 06254242199 एवं व्हाट्सएप नंबर 6204083522 है। जिलेवासी उक्त नंबरों पर समस्याओं से संबंधित सुझाव एवं शिकायत दर्ज करा सकते हैं। निदान काॅल सेन्टर को विस्तारित किया जाना है। इस सेन्टर में अन्य विभागों को भी जोड़ना है। उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारियों से कहा कि प्रखंड स्तर पर भी विभिन्न समस्याओं/जन शिकायतों से संबंधित मामलों का निष्पादन करने हेतु प्रखंड काॅल सेंटर का अधिष्ठापन कराया जा सकता है।
जिलाधिकारी ने कहा कि थाना स्तर पर आयोजित होने वाले शनीवारीय जनता दरबार का आयोजन हर हाल अनिवार्य रूप से किया जाना है। सभी थानों में जनता दरबार का आयोजन सुनिश्चित किया जाय। जनता दरबार में अंचलाधिकारी एवं एसएचओ संयुक्त रूप से परिवादों को सुनेंगे तथा उसका समुचित निष्पादन करेंगे। भूमि विवाद से संबंधित मामलों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसे मामलों का निष्पादन अत्यंत ही सजग होकर करना है। सभी अंचलाधिकारियों एवं एसएचओ को निदेश दिया गया कि भूमि विवाद से संबंधित गंभीर मामलों की सूची एक सप्ताह के अंदर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। एसडीएम, एसडीपीओ एवं डीसीएलआर को भूमि विवाद से संबंधित विभिन्न मामलों का लगातार अनुश्रवण तथा समीक्षा करने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया।
समीक्षा के क्रम में जिला कोषागार पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि सभी निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी वित विभाग के निदेशों का शत-प्रतिशत अनुपालन कराना सुनिश्चित करेंगे। यह वितीय अनुशासन हेतु नितांत ही आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अनावश्यक बैंक खातों का संचालन नहीं करना है। अव्यवहृत राशि बैंक चालान के माध्यम से संबंधित हेड में अनिवार्य रूप से जमा कराना है। साथ ही अग्रिम राशि तथा अभिश्रव का संबंधित हेड में समायोजन भी अतिआवश्यक है। समीक्षा के दौरान यह मामला प्रकाश में आया कि अधिकांशतः कार्यालय प्रधान द्वारा अव्यहृत राशि का समायोजन संबंधित हेड में अबतक नहीं कराया गया है। जिलाधिकारी द्वारा निदेश दिया गया कि कैम्प मोड में अनुमंडलवार अभियान चलाकर इससे संबंधित लंबित मामलों का निष्पादन कराया जाय। जिला कोषागार पदाधिकारी को इस कार्य का सत्त अनुश्रवण एवं समीक्षा करने हेतु निदेशित किया गया।
कार्य में लापरवाही तथा बैठक में अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों से शोकाॅज करने तथा एक दिन का वेतन स्थगित करने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है।
इस अवसर पर सहायक समाहर्ता, पुलिस अधीक्षक, बेतिया, उप विकास आयुक्त, सभी अपर समाहर्ता, सभी एसडीएम, सभी जिलास्तरीय पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।




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