नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का विशेष महत्व है। हर दिन मां के अलग स्वरूप की पूजा करने और विशेष भोग अर्पित करने से भक्तों की सभी मन…
*नक्षत्रयोगशशिसूर्यनित्यम्,* *तिथिवारलग्नं दिवसं नमामि।* *आचार्यराधाकांतकृतं वै* *करोतुपंचांगमिदं सुप्रभातम्।।* 🌺🌸🌺🌸🌺 *ॐ नमो हनुमते र…
*नक्षत्रयोगशशि सूर्यनित्यम्,* *तिथिवारलग्नं दिवसं नमामि।* *आचार्यराधाकांतकृतं वै* *करोतुपंचांगमिदं सुप्रभातम्।* 🌺🌸🌺🌸🌺 *गिरींद्रात्मजा संगृहीतार…
लेखक -:आचार्य राधाकान्त शास्त्री *देव ऋषि पितृ विस्तार पूर्वक तर्पण विधि:-👇* पूर्वाभिमुख आसन लगा कर बैठ जाएं और चंदन लगा कर दीप जला…
*नक्षत्रयोगशशिसूर्यनित्यम्,* *तिथिवारलग्नं दिवसं नमामि।* *आचार्यराधाकांतकृतं वै* *करोतुपंचांगमिदं सुप्रभातम्।।* 🌺🌸🌺🌸🌺 *हरं सर्पहारं च…
*नक्षत्रयोगशशिसूर्यनित्यम्,* *तिथिवारलग्नं दिवसं नमामि।* *आचार्यराधाकांतकृतं वै* *करोतुपंचांगमिदं सुप्रभातम्।।* 🌺🌺🌺🌺🌺 *ध्येयं सदा परिभवघ्नमभीष्…
*नक्षत्रयोगशशिसूर्यनित्यम्,* *तिथिवारलग्नं दिवसं नमामि।* *आचार्यराधाकांतकृतं वै* *करोतुपंचांगमिदं सुप्रभातम्।।* 🌺🌺🌺🌺🌺 अंगहरे पुलकभूषण माश्रयन्त…
*नक्षत्रयोगशशिसूर्यनित्यम्,* *तिथिवारलग्नं दिवसं नमामि।* *आचार्यराधाकांतकृतं वै* *करोतुपंचांगमिदं सुप्रभातम्।।* 🌺🌸🌺🌸🌺 *कामाख्ये काम-सम्पन्ने, क…
*नक्षत्रयोगशशिसूर्यनित्यम्,* *तिथिवारलग्नं दिवसं नमामि।* *आचार्यराधाकांतकृतं वै* *करोतुपंचांगमिदं सुप्रभातम्।।* 🌺🌺🌺🌺🌺 *ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों…
(संपादक -आदित्य कुमार दुबे)
"चम्पारण नीति " की नीति
सादगी, जबरदस्त जोश और चेहरे पर एक दृढ़ संकल्प लिए। बिना किसी लोभ व लालच अथवा किसी द्वेष के कारण नहीं, बल्कि असहाय , पीड़ितो और अत्याचारों से भरी फरियादों की, जो अनसुनी कर दी जाती है। "चम्पारण नीति " ढ़ाल बन कर उन शोषितों की पीड़ा को सबके समक्ष रखने का कार्य करेगा। निर्भीकता के साथ सरकार और उसके अधिकारियों की आलोचना,जनता की कठिनाईयों की चर्चा करने से कभी पीछे नहीं हटेगा। किसी की प्रशंसा या अप्रशंसा , किसी की प्रसन्नता या अप्रसन्नता, किसी की घुड़की या धमकी , हमें अपने सुमार्ग से विचलित न कर सकेगी । साम्प्रदायिक और व्यक्तिगत झगड़ों से "चम्पारण नीति" सदा अलग रहने की कोशिश करेगा । इसका जन्म किसी विशेष सभा, संस्था, ख्याति या मत के पालन- पोषण, रक्षण या विरोध के लिए नहीं हुआ है, किंतु इसका मत स्वतंत्र विचार और इसका धर्म सत्य होगा । मनुष्य की उन्नति भी सत्य की जोत के साथ होती है । इसीलिए सत्य को दबाना हम महापाप समझेंगे और इसके प्रचार और प्रकाश को महापुण्य!
-: आदित्य कुमार दुबे
Social Plugin