गया! आया, अभी आया.. करते-करते चौदह साल बीत गए। पर इस साल के पितृ पक्ष में हम भोपाल से एक हजार किलोमीटर दूर गया शहर पहुंच ही गए। बिहार का गया, जो अब…
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय का इतिहास अपने आप में गौरवशाली रहा है। यह संस्थान न केवल पत्रकारिता शिक्षा का केंद्र…
— आदित्य कुमार दुबे, संपादक, चम्पारण नीति 15 अगस्त की सुबह जब भारत का प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराता है, तो यह दृश्य केवल एक रस्म …
लेखक : रामचंद्र ओझा एक नए लेखक से यह उम्मीद करना कठिन होता है कि उसकी पहली रचना कथ्य, शिल्प और भाषा की कसौटी पर खर…
नमो देव्यै महादेव्यै सिद्ध्यै शान्त्यै नमो नम:। शुभायै देवसेनायै षष्ठी देव्यै नमो नम: ।। वरदायै पुत्रदायै धनदायै नमो नम:। सुखदायै मोक्षदायै षष्ठी देव…
प्रियव्रत नाम से प्रसिद्ध एक राजा थे। उनके पिता का नाम था स्वायम्भुव मनु था। प्रियव्रत योगिराज होने के कारण विवाह करना नहीं चाहते थे। तपस्या में उनकी…
-:बिहार दिवस पर विशेष:-हम हैं बिहार | बिहार दिवस उत्सव 2022 । अमित कुमार। आज बिहार दिवस है। आज बिहार का गौरव गाथा गया जाएगा,विकास की चर्चाएं होंगी …
x त्याग, समर्पण,संघर्ष, उसूल, रसूख इनसे बुनकर तैयार हुईं देश की गौरव स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर जी का निधन बहुत ही दुखद है,उनका जाना देश और सं…
(लेखक - अमित कुमार ) समाज के सभी वर्गों के नेता थे श्री बाबूबिहार के मजबूती का नाम बिहार केशरी श्री कृष्ण बाबू।देश के म…
सदियों से मकड़जाल में फँसाये रखने की हुनर रखते थे। अमरबेल की तरह सहारे को ही चूसकर निष्पाण करने का महारत हासिल था। अपने स्वार्थ के लिए न्याय की आड़ मे…
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का विबुल बज गया है सभी पार्टियों ने अपनी कमर कस ली हैं.सभी पर्टियां चुनाव से पहले टिकट का बटवारा कर रहीं है. टिकट के बटवा…
उत्तर प्रदेश में कोई भी चुनाव हो मुस्लिम वोटर हमेशा एक बड़ा फैक्टर रहते हैं.यूपी की कुल आबादी में करीब 20 प्रतिशत हिस्सा मुसलमानों का बताया जाता है. …
उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव से पहले नेताओं के बीच पाला बदलने की जो होड़ चली थी,उसकी रफ्तार अब काफी कम हो गई है.चाहें समाजवादी पार्टी हो या फिर…
भारतीय राजनीति में दलबदल किसी ‘कैंसर’ से कम नहीं …
(संपादक -आदित्य कुमार दुबे)
"चम्पारण नीति " की नीति
सादगी, जबरदस्त जोश और चेहरे पर एक दृढ़ संकल्प लिए। बिना किसी लोभ व लालच अथवा किसी द्वेष के कारण नहीं, बल्कि असहाय , पीड़ितो और अत्याचारों से भरी फरियादों की, जो अनसुनी कर दी जाती है। "चम्पारण नीति " ढ़ाल बन कर उन शोषितों की पीड़ा को सबके समक्ष रखने का कार्य करेगा। निर्भीकता के साथ सरकार और उसके अधिकारियों की आलोचना,जनता की कठिनाईयों की चर्चा करने से कभी पीछे नहीं हटेगा। किसी की प्रशंसा या अप्रशंसा , किसी की प्रसन्नता या अप्रसन्नता, किसी की घुड़की या धमकी , हमें अपने सुमार्ग से विचलित न कर सकेगी । साम्प्रदायिक और व्यक्तिगत झगड़ों से "चम्पारण नीति" सदा अलग रहने की कोशिश करेगा । इसका जन्म किसी विशेष सभा, संस्था, ख्याति या मत के पालन- पोषण, रक्षण या विरोध के लिए नहीं हुआ है, किंतु इसका मत स्वतंत्र विचार और इसका धर्म सत्य होगा । मनुष्य की उन्नति भी सत्य की जोत के साथ होती है । इसीलिए सत्य को दबाना हम महापाप समझेंगे और इसके प्रचार और प्रकाश को महापुण्य!
-: आदित्य कुमार दुबे
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