विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्य को लेकर डीसीएलआर ने बीडीओ एवं बीएलओ पर्यवेक्षक के साथ की समीक्षा बैठक

विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण कार्य को लेकर डीसीएलआर ने बीडीओ एवं बीएलओ पर्यवेक्षक के साथ की समीक्षा बैठक

रजौन, बांका:-- विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण का कार्य पूरे बिहार में भारत सरकार निर्वाचन आयोग के आदेश पर विगत 25 जून से प्रारंभ हुआ है। यह अभियान आगामी 26 जुलाई तक चलेगा। इसी कड़ी में बुधवार को डीसीएलआर मनीष कुमार ने रजौन प्रखंड मुख्यालय स्थित आईटी भवन पहुंचकर बीडीओ के कार्यालय वेश्म में बीडीओ अंतिमा कुमारी की उपस्थिति में बीएलओ पर्यवेक्षक एवं बीएलओ के साथ बैठकर अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा की। इस मौके पर बीएलओ पर्यवेक्षक के रूप में बीपीआरओ दीपशिखा, सीडीपीओ फिरदौस शेख, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी तारकेश्वर रजक, बीसीईओ सह बीईओ स्वयं चक्रपाणि कनिष्क, मनरेगा पीओ अमित कुमार, जिला मास्टर ट्रेनर जयशंकर प्रसाद विद्यार्थी, श्रीकांत कुमार, राजेश कुमार मंडल, बीएलओ दीक्षित कुमार, मनोहर चौधरी, संजय रजक आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। डीसीएलआर मनीष कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि 2003 ईस्वी के बाद विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण का कार्य 25 जून से 26 जुलाई तक चलाया जा रहा है। धोरैया विधानसभा क्षेत्र के रजौन प्रखंड में कुल 161 मतदान केंद्र है। विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण के लिए 161 बीएलओ के मॉनिटरिंग के लिए 18 पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई है। इस मतदाता पुनरीक्षण कार्य को लेकर सर्वप्रथम सभी बीएलओ को डोर-टू-डोर प्रत्येक मतदाताओं के घर पहुंच कर उन्हें जागरूक करते हुए चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए गणना प्रपत्र को वितरण करने के लिए कहा गया है। डीसीएलआर ने स्पष्ट तौर पर बताया है कि 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच पैदा हुए मतदाताओं को साक्ष्य के रूप में अपने माता या पिता का डॉक्यूमेंट लगेगा। 2 दिसंबर 2004 के बाद के वोटरों को मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए अपने माता-पिता दोनों का दस्तावेज देना अनिवार्य है। उन्होंने आगे बताया कि जिन मतदाताओं का 2003 के मतदाता सूची में नाम शामिल है, उन्हें कोई अन्य आवश्यक डॉक्यूमेंट या साक्ष्य देने की जरूरत नहीं है। वहीं 1 जुलाई 1987 एवं 2 दिसंबर 2004 के बीच पैदा हुए मतदाताओं को भारत सरकार के निर्वाचन आयुक्त द्वारा 11 डॉक्यूमेंट में से कोई एक डॉक्युमेंट लगाना अनिवार्य किया गया है। डॉक्यूमेंट देने के लिए 11 चिन्हित में से केंद्र या राज्य के नियमित कर्मचारी पेंशन भोगी को निर्गत कोई पहचान पत्र, सरकार स्थानीय प्राधिकरण, बैंक, डाकघर, एलआईसी या पीएसयू द्वारा भारत में 1 जुलाई 1987 से पूर्व निर्गत किया गया कोई भी दस्तावेज, सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालयों द्वारा निर्गत मैट्रिकुलेशन या शैक्षणिक प्रमाण पत्र, सक्षम राज्य प्राधिकार द्वारा निर्गत स्थाई निवास प्रमाण पत्र, वन अधिकार प्रमाण पत्र, सक्षम प्राधिकार द्वारा निर्गत ओबीसी, एससी, एसटी या कोई जाति प्रमाण पत्र, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर, राज्य या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा तैयार किया गया पारिवारिक रजिस्टर एवं सरकार की कोई भी भूमि या मकान आवंटन प्रमाण पत्र से संबंधित डॉक्यूमेंट साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत करना होगा। वहीं डीसीएलआर मनीष कुमार ने बीडीओ अंतिमा कुमारी को बीएलओ पर्यवेक्षकों के साथ प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा करने के लिए कहा है। इसके साथ ही उन्होंने फॉर्म कलेक्शन, अपलोड की जानकारी लेते हुए प्रतिदिन का प्रोग्रेस रिपोर्ट वरीय अधिकारियों को सूचित करते रहने के लिए भी कहा है।

रिपोर्ट: के आर राव 

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