चम्पारण नीति/बेतिया/पश्चिमी चम्पारण (बिहार)
ट्रैक्टर चालित बूम स्प्रेयर आज की आवश्यकता पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
बूम स्प्रे करते हुए ट्रेक्टर जागरूकता प्रदर्शनी में शामिल सहभागीकृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), मधोपुर द्वारा किसानों में आधुनिक कृषि यंत्रों के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ट्रैक्टर चालित बूम स्प्रेयर पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य फसलों में खरपतवारनाशक, कीटनाशक, फफूंदनाशक एवं तरल उर्वरकों के वैज्ञानिक, सुरक्षित एवं समान छिड़काव के प्रति किसानों को जागरूक करना था।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, केवीके मधोपुर ने बताया कि ट्रैक्टर चालित बूम स्प्रेयर आधुनिक खेती में फसल सुरक्षा एवं पोषण के लिए एक अत्यंत उपयोगी कृषि यंत्र है। यह उपकरण ट्रैक्टर के पिछले हिस्से में जुड़कर कार्य करता है तथा बड़े क्षेत्र में कम समय में समान एवं सटीक छिड़काव सुनिश्चित करता है। उन्होंने बताया कि फसलों की ऊँचाई के अनुसार समायोजित होने वाला बूम और समान दूरी पर लगे नोजल दवा की प्रभावशीलता को बढ़ाते हैं।
इस अवसर पर डॉ. चेलपुरी रामुलु, वैज्ञानिक, केवीके मधोपुर ने ट्रैक्टर चालित बूम स्प्रेयर की कार्यप्रणाली एवं लाभों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर के चलने पर PTO शाफ्ट के माध्यम से पंप संचालित होता है, जो टैंक में भरे रसायन को पाइप द्वारा बूम पर लगे नोजल तक पहुंचाता है। नोजल तरल पदार्थ को बारीक बूंदों में परिवर्तित कर फसल पर समान रूप से छिड़काव करते हैं, जिससे दवा की बर्बादी कम होती है और बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं।
उन्होंने मैन्युअल/नैपसैक स्प्रेयर की तुलना में ट्रैक्टर चालित बूम स्प्रेयर के लाभ बताते हुए कहा कि इसके उपयोग से दवा की 15 से 20 प्रतिशत तक बचत होती है, समय एवं श्रम की बचत होती है, ऑपरेटर दवा के सीधे संपर्क से सुरक्षित रहता है, तथा कीट, रोग एवं खरपतवार नियंत्रण अधिक प्रभावी होता है।
उन्होंने यह भी बताया कि ट्रैक्टर चालित बूम स्प्रेयर की सहायता से मात्र 2 श्रमिकों के साथ एक दिन में लगभग 6 से 8 एकड़ क्षेत्र में छिड़काव कार्य सफलतापूर्वक किया जा सकता है, जो इसकी उच्च कार्यक्षमता एवं लागत-प्रभावशीलता को दर्शाता है।
वैज्ञानिकों ने बताया कि यह यंत्र गेहूं, मक्का, सोयाबीन, कपास, चना, गन्ना एवं अन्य ज़मीनी फसलों के लिए अत्यंत उपयोगी है। सामान्यतः इसकी टैंक क्षमता 400 लीटर या उससे अधिक तथा बूम की चौड़ाई 20 से 30 फीट या उससे अधिक होती है। एडजस्टेबल नोजल एवं फिल्ट्रेशन सिस्टम इसे और अधिक प्रभावी बनाते हैं।
कार्यक्रम के अंत में किसानों से अपील की गई कि वे पारंपरिक मैन्युअल स्प्रेयर के स्थान पर आधुनिक ट्रैक्टर चालित बूम स्प्रेयर को अपनाएं, जिससे उत्पादन लागत घटे, फसल सुरक्षा बेहतर हो और खेती अधिक सुरक्षित एवं लाभकारी बन सके इस अवसर पर दर्जनों किसान भाई एवं बहनें उपस्थित थे।
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