( कवि निलेश/ चम्पारण नीति )
बेगूसराय (बिहार)। दिनकर की धरती बेगूसराय में राष्ट्रीय कवि संगम के सप्तम प्रांतीय अधिवेशन–2025 का भव्य एवं गरिमामय आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम का प्रथम सत्र उद्घाटन सत्र के रूप में आयोजित किया गया।
इस शाश्वत साहित्यिक आयोजन का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, बेगूसराय विधायक कुंदन कुमार, निवर्तमान मटिहानी विधायक राजकुमार सिंह, खेल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शिशिर सिन्हा, राष्ट्रीय कवि संगम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. अशोक बत्रा, प्रांतीय अध्यक्ष प्रभाकर राय, जिला अध्यक्ष बृजबिहारी मिश्रा सहित अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया गया।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि “कवि समाज की आत्मा होते हैं; राजनीति की रीढ़ में उनकी कलम का मार्गदर्शन सदैव मुखर रहता है।” बेगूसराय विधायक कुंदन कुमार ने इस प्रांतीय अधिवेशन की सराहना करते हुए इसे साहित्यिक चेतना को सशक्त करने वाला बताया। कुलपति डॉ. शिशिर सिन्हा ने बेगूसराय के समृद्ध और अनुपम साहित्यिक इतिहास को स्मरण कराते हुए दिनकर परंपरा की महत्ता रेखांकित की। पूर्व विधायक राजकुमार सिंह ने अटल सप्ताह के अवसर पर आयोजित इस अधिवेशन को अद्वितीय बताया और “हार नहीं मानूंगा, रार नहीं ठानूंगा” का सस्वर पाठ कर कविताओं की महफ़िल में ऊर्जा का संचार किया। उद्घाटन सत्र का संचालन प्रफुल्ल मिश्र ने किया।
इसके उपरांत आयोजित द्वितीय सत्र के मुख्य अतिथि बिहार विधानसभा अध्यक्ष प्रेम कुमार रहे। इस अवसर पर बिहार के छह वरिष्ठ कवियों को “अटल रत्न सम्मान” से सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह के बाद प्रेम कुमार ने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कृति ‘रश्मिरथी’ की अमर पंक्तियाँ—“क्षमा शोभती उस भुजंग को…”—का सस्वर पाठ कर साहित्यप्रेमियों को भावविभोर कर दिया। इस सत्र का संचालन युवा कवि अविनाश बंधु ने किया।
तृतीय सत्र में विभिन्न जिलों से पधारे पदाधिकारियों एवं कवियों के साथ प्रांतीय अध्यक्ष की उपस्थिति में कार्यविधि विश्लेषण एवं संवाद का आयोजन हुआ, जिसमें संगठनात्मक सुदृढ़ता और भावी योजनाओं पर सार्थक विमर्श किया गया।
संध्या पांच बजे से अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें देश के सुप्रसिद्ध कवियों ने काव्यपाठ से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। हरियाणा से राष्ट्रीय कवि संगम के उपाध्यक्ष अशोक बत्रा, उत्तर प्रदेश से शिवकुमार ब्यास, दिल्ली से संजीव मुकेश सहित अनेक ख्यातिलब्ध कवियों ने अपनी रचनाओं से काव्य-संध्या को यादगार बनाया। इस अवसर पर बिहार प्रांत के लगभग 200 कवि एवं कवयित्रियों की उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को और बढ़ाया।
कुल मिलाकर, राष्ट्रीय कवि संगम का सप्तम प्रांतीय अधिवेशन–2025 साहित्य, संस्कृति और रचनात्मक संवाद का एक ऐतिहासिक एवं प्रेरणादायी संगम सिद्ध हुआ।
0 Comments
आप सभी हमें अपना कॉमेंट / संदेश भेज सकते हैं...