रजौन, बांका : लाइटिंग सम्राट शेरे बिहार के नाम से प्रसिद्ध प्रखंड के पुनसिया बाजार निवासी हास्य कलाकार राघव केशरी का 65 वर्ष …
सरकार की योजनाओं का वास्तविक लाभ समाज के हर तबके तक पहुंचाना है लक्ष्य : जिला पदाधिकारी।* *जिले के विकास के लिए टीम भावना अनिवार्य ताकि सरकार की प्रा…
बेतिया। बेतिया सहित बिहार के कई जिलों में मारवाड़ी बनिया राजस्थानी वैश्य समाज (अग्रहरि वैश्य) को जातीय प्रमाणपत्र प्राप्त करने में हो रही परेशानियों …
नई दिल्ली / पटना, 6 अक्टूबर 2025: भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार को बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की औपचारिक घोषणा कर दी है। घोषणा के साथ ही पूरे राज्य में…
गया! आया, अभी आया.. करते-करते चौदह साल बीत गए। पर इस साल के पितृ पक्ष में हम भोपाल से एक हजार किलोमीटर दूर गया शहर पहुंच ही गए। बिहार का गया, जो अब…
(देवराजी महतो/चम्पारण नीति) 26 सितम्बर,दोन। दोन क्षेत्र में वोट बहिष्कार आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा है। आज हट्टी माता के प्रांगण में जनसैलाब गोल…
(आदित्य कुमार दुबे/चम्पारण नीति) गया, 24 सितम्बर। निबंधन सह परामर्श केन्द्र, गया के सभा कक्ष में बुधवार को एक दिवसीय श्रम अधिकार दिवस सह ग्रामीण प्रश…
नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा का विशेष महत्व है। हर दिन मां के अलग स्वरूप की पूजा करने और विशेष भोग अर्पित करने से भक्तों की सभी मन…
वाल्मिकीनगर/बेतिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को पश्चिम चंपारण जिले के वाल्मिकीनगर स्थित लवकुश इको टूरिज्म पार्क से 1198.86 करोड़ रुपये की ल…
पश्चिम चम्पारण।दोन क्षेत्र के लोगों ने आज बुनियादी सुविधाओं की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया और आगामी चुनाव में वोट बहिष्कार का एलान किया। हाथों …
(संपादक -आदित्य कुमार दुबे)
"चम्पारण नीति " की नीति
सादगी, जबरदस्त जोश और चेहरे पर एक दृढ़ संकल्प लिए। बिना किसी लोभ व लालच अथवा किसी द्वेष के कारण नहीं, बल्कि असहाय , पीड़ितो और अत्याचारों से भरी फरियादों की, जो अनसुनी कर दी जाती है। "चम्पारण नीति " ढ़ाल बन कर उन शोषितों की पीड़ा को सबके समक्ष रखने का कार्य करेगा। निर्भीकता के साथ सरकार और उसके अधिकारियों की आलोचना,जनता की कठिनाईयों की चर्चा करने से कभी पीछे नहीं हटेगा। किसी की प्रशंसा या अप्रशंसा , किसी की प्रसन्नता या अप्रसन्नता, किसी की घुड़की या धमकी , हमें अपने सुमार्ग से विचलित न कर सकेगी । साम्प्रदायिक और व्यक्तिगत झगड़ों से "चम्पारण नीति" सदा अलग रहने की कोशिश करेगा । इसका जन्म किसी विशेष सभा, संस्था, ख्याति या मत के पालन- पोषण, रक्षण या विरोध के लिए नहीं हुआ है, किंतु इसका मत स्वतंत्र विचार और इसका धर्म सत्य होगा । मनुष्य की उन्नति भी सत्य की जोत के साथ होती है । इसीलिए सत्य को दबाना हम महापाप समझेंगे और इसके प्रचार और प्रकाश को महापुण्य!
-: आदित्य कुमार दुबे
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