मारवाड़ी वैश्य समाज को जातीय प्रमाणपत्र में हो रही प्रताड़ना पर कांग्रेस उपाध्यक्ष मनोज केशान ने की सरकारी हस्तक्षेप की मांग

मारवाड़ी वैश्य समाज को जातीय प्रमाणपत्र में हो रही प्रताड़ना पर कांग्रेस उपाध्यक्ष मनोज केशान ने की सरकारी हस्तक्षेप की मांग



बेतिया। बेतिया सहित बिहार के कई जिलों में मारवाड़ी बनिया राजस्थानी वैश्य समाज (अग्रहरि वैश्य) को जातीय प्रमाणपत्र प्राप्त करने में हो रही परेशानियों को लेकर कांग्रेस के उपाध्यक्ष मनोज केशान ने गंभीर चिंता जताते हुए सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
केशान ने एक बयान जारी कर कहा कि राज्य सरकार द्वारा मारवाड़ी बनिया राजस्थानी वैश्य समाज को अग्रहरि वैश्य श्रेणी में शामिल करने की घोषणा हुए कई माह बीत चुकी है, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति अब भी जस की तस बनी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि बेतिया समेत कई जिलों में विभागीय अधिकारी समुदाय के लोगों से अनावश्यक और वर्षों पुराने दस्तावेज़—जैसे कि खतियान और विभिन्न वंशावली प्रमाण—की मांग कर रहे हैं, जिससे आम नागरिकों को गंभीर मानसिक और प्रशासनिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि प्रमाणपत्र न मिलने के कारण युवाओं को शिक्षा, नौकरी, छात्रवृत्ति और अन्य सामाजिक सुविधाओं से वंचित होना पड़ रहा है, जो अत्यंत निंदनीय और अन्यायपूर्ण है। “राज्य और जिले के राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले समाज के साथ इस तरह का व्यवहार घोर अनुचित है,” उन्होंने कहा।
मनोज केशान ने विभागीय कार्यशैली को आपत्तिजनक बताते हुए आरोप लगाया कि अधिकारी जनता को लगातार शोषण का शिकार बना रहे हैं और नियमों की अनदेखी कर मनमानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे न केवल समाज में आक्रोश बढ़ रहा है बल्कि कई परिवार मानसिक तनाव में भी हैं।
उन्होंने सरकार से मांग की कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए और विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए जाएं ताकि समुदाय के लोगों को बिना भटकाए जातीय प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया जा सके। साथ ही उन्होंने सुझाव दिया कि शहर के मुख्य प्रांगण में प्रत्येक माह शिविर लगाकर पात्र व्यक्तियों को प्रमाणपत्र उपलब्ध कराना चाहिए।
अंत में, केशान ने माननीय मंत्री महोदय से इस मामले में त्वरित हस्तक्षेप का अनुरोध किया है, ताकि पीड़ित समाज को शीघ्र राहत मिल सके।

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