*------कुष्ठाश्रम के दर्जनाधिक परिवारों को पूर्व नप सभापति ने भेंट किया उम्दा कम्बल*
*----बस्ती के लोगों की समस्याओं को लेकर देर तक इनके साथ स्थापित किया संवाद*
बेतिया। नगर परिषद की निवर्तमान सभापति व समाजसेवी गरिमा देवी सिकारिया रविवार को कुमारबाग स्थित कुष्ठाश्रम में पहुंची। यहां रहे विश्वनाथ राम, शिवलाल साहनी, मुसमात लालपरी, इमाम मियां, भोला गिरी, चंपा देवी, रामेश्वर पासवान, नगीना राम, घूर राम, महावीर पटेल, वकील दास, मानती देवी आदि आश्रम वासी परिवारों से मिलीं। कड़ाके की शीतलहर व ठंड में घासफूस के कच्चे घरों में रह रहे उपरोक्त परिवारों ने चनपटिया प्रखण्ड अंतर्गत कुड़िया मठिया पंचायत के इस बस्ती में रह रहे लोगों खासकर महिलाओं ने अपने उपेक्षित जीवन में भोजन,वस्त्र, उपचार और सुरक्षित जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीवन बसर करने की दर्दनाक स्थिति का विस्तार से वर्णन किया। कड़ाके की जारी में सुविधाजनक आवास उपलब्ध नहीं होने को कुष्ठाश्रम वासियों ने अपनी सबसे बड़ी समस्या बताया। वही पांचवी कक्षा में पढ़ने वाली मीना वर्ग तीन में पढ़ने वाली प्रतिमा, अनिता, उमेश आदि ने बताया कि हमारी कॉलोनी के डेढ़ दर्जन से अधिक बच्चों की पढ़ाई की औपचारिकता बगल में चलने वाले चरवाहा विद्यालय के भवन में वहां पदस्थापित दो शिक्षिकाओं के द्वारा पूरी की जाती है। इस बस्ती के कुछ अन्य लोगों ने श्रीमती सिकारिया को बताया कि रक्सौल (पूर्वी चंपारण )की लिटिल फ्लॉवर लेप्रोसी वेलफेयर एसोसिएशन नामक संस्था के लोग कभी कभार दवा व मदद के अन्य सामान मुहैया कराते हैं। इस बस्ती के दर्जनभर से अधिक परिवारों के लिए उम्दा क्वालिटी का कम्बल अपने निजी कोष से मुहैया कराने के साथ गरिमा ने देर तक बस्ती के लोगों से मिलकर संवाद करते हुए इनकी बातें भी विस्तार से सुनी। इसके बाद गरिमा देवी सिकारिया ने कहा कि कुष्ठाश्रम में रह रहे परिवारों की नियमित स्वास्थ्य जांच के साथ जीवन यापन से जुड़ी बुनियादी सुविधाओं को इन्हें तत्काल मुहैया कराने के साथ शिक्षा का अधिकार कानूनी रूप से अनिवार्य होने के इस दौर में यहां के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा व्यवस्था के साथ समाज की मुख्यधारा जोड़ना जरूरी है। इसको लेकर वे विभिन्न माध्यमों से पहल करेंगी।


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