श्रमिकों के अधिकारों व योजनाओं पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित

श्रमिकों के अधिकारों व योजनाओं पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित



(आदित्य कुमार दुबे/चम्पारण नीति)
गया, 24 सितम्बर। निबंधन सह परामर्श केन्द्र, गया के सभा कक्ष में बुधवार को एक दिवसीय श्रम अधिकार दिवस सह ग्रामीण प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ उप श्रमायुक्त विनोद कुमार प्रसाद, सहायक श्रमायुक्त पुनम कुमारी एवं जिला जनसंपर्क पदाधिकारी दीपक चन्द्रदेव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर एवं बिहार गाथा के साथ किया।

इस अवसर पर श्रम अधीक्षक मृत्युंजय झा, डी.आर.सी.सी. प्रबंधक, श्रमिक संगठन प्रतिनिधि अरविंद कुमार, सभी प्रखंडों के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी तथा जिले के प्रत्येक पंचायत से आए श्रमिक शामिल हुए।

शिविर में श्रम संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं — बिहार शताब्दी असंगठित कार्यक्षेत्र कामगार एवं शिल्पकार सामाजिक सुरक्षा योजना, बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना तथा बिहार भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई।

अधिकारियों ने बताया कि निबंधित निर्माण श्रमिक की स्वाभाविक मृत्यु पर ₹2,00,000 तथा नियोजन के दौरान दुर्घटना मृत्यु पर ₹4,00,000 की सहायता राशि दी जाती है। वहीं असंगठित क्षेत्र के कामगार/शिल्पकार की स्वाभाविक मृत्यु पर ₹50,000 तथा दुर्घटना मृत्यु पर ₹2,00,000 का प्रावधान है।

श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी अंजु कुमारी ने बाल श्रम उन्मूलन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दोषी नियोजकों को ₹20,000 से ₹50,000 तक जुर्माना अथवा 6 माह से 2 वर्ष तक की सजा या दोनों हो सकते हैं। विमुक्त बाल श्रमिकों को तत्काल ₹3,000 एवं पुनर्वास हेतु सीएमआरएफ से ₹25,000 की सहायता दी जाती है।

शेरघाटी से श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राकेश कुमार ने प्रवासी मजदूर दुर्घटना योजना व न्यूनतम मजदूरी अधिनियम पर जानकारी दी, जबकि श्रम अधीक्षक ने बंधुआ मजदूर अधिनियम और बोधगया से आए पदाधिकारी ने मृत्यु लाभ एवं दाह संस्कार सहायता योजना पर विस्तार से जानकारी दी।

कार्यक्रम में लाभार्थियों को प्रतीकात्मक डमी चेक प्रदान कर योजनाओं से परिचित कराया गया। साथ ही पंचायतों से आए श्रमिकों को एक दिन की मजदूरी एवं मार्ग व्यय का भुगतान भी किया गया।

शिविर का उद्देश्य श्रमिकों को उनके अधिकारों एवं कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देना और ग्रामीण स्तर पर जागरूकता बढ़ाना था। अंत में धन्यवाद ज्ञापन श्रम अधीक्षक मृत्युंजय झा ने किया।




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