महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण से ‘पत्रकार सत्याग्रह’ की शुरुआत

महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण से ‘पत्रकार सत्याग्रह’ की शुरुआत




बेतिया, 6 अक्तूबर।
महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण में सोमवार को पत्रकारों ने ग्रामीण पत्रकारों को पेंशन योजना का लाभ दिलाने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया।

धरना के बाद अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति की पश्चिम चंपारण इकाई के अध्यक्ष मधुकर मिश्रा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने जिला पदाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ज्ञापन सौंपा।

💬 पत्रकारों की मांग

पत्रकारों ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पेंशन ₹6,000 से बढ़ाकर ₹15,000 करना सराहनीय है, लेकिन यह सुविधा केवल कुछ प्राप्त पत्रकारों तक सीमित है।
ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत हजारों पत्रकार आज भी इस योजना से वंचित हैं।

उन्होंने कहा कि बिहार में करीब 30–40 हजार सक्रिय पत्रकार हैं, जिन्हें न पेंशन, न सुरक्षा, न स्वास्थ्य सुविधा मिल रही है।


⚠️ “सरकार और मीडिया संस्थान दोनों जिम्मेदार”

पत्रकारों ने आरोप लगाया कि मीडिया संस्थान ग्रामीण पत्रकारों से समाचार तो लेते हैं, लेकिन उन्हें स्थायी कर्मचारी नहीं मानते।
कई पत्रकार बिना मान्यता या नियुक्ति पत्र के कार्य कर रहे हैं।


✊ प्रमुख मांगें

1️⃣ पंचायत से संसद स्तर तक पत्रकार आयोग का गठन।
2️⃣ सभी गैर मान्यता प्राप्त पत्रकारों को पेंशन योजना में शामिल किया जाए।
3️⃣ पत्रकारों व परिवार के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा।
4️⃣ निर्णय-प्रक्रिया में पत्रकारों का प्रतिनिधित्व।
5️⃣ पेंशन की पात्रता अवधि 20 से घटाकर 10 वर्ष, आयु सीमा 60 से घटाकर 50 वर्ष।
6️⃣ जिला जनसंपर्क पदाधिकारी की अध्यक्षता में स्थायी समिति गठन।
7️⃣ छोटे एवं लघु समाचार पत्रों को सरकारी विज्ञापन और अनुदान।


🚨 “सरकार ने कदम न उठाए तो पत्रकार सत्याग्रह”

पत्रकारों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो चंपारण की धरती से “पत्रकार सत्याग्रह” शुरू किया जाएगा।

धरने में वरिष्ठ पत्रकार मधुकर मिश्रा , मनोज कुमार सिंह, मनोज सिन्हा, वीरेश कुमार सिंह, प्रेमचंद पांडेय, विनय कुमार, निरंकार भास्कर, रजी अहमद, राजकुमार पासवान, संजय कुमार पांडे, मनीष कुमार सहित जिले के कई प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व डिजिटल मीडिया पत्रकार शामिल हुए।


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