राष्ट्रीय किसान दिवस का आयोजन: केवीके

राष्ट्रीय किसान दिवस का आयोजन: केवीके

चम्पारण नीति/बेतिया(प.च.) बिहार : केवीके मधोपुर में राष्ट्रीय किसान दिवस सह किसान सम्मान समारोह का आयोजन।
   राष्ट्रीय किसान दिवस सह किसान सम्मान समारोह
कृषि विज्ञान केंद्र, मधोपुर में राष्ट्रीय किसान दिवस सह किसान सम्मान समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम में 200 से अधिक किसानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह ने की। उन्होंने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले किसानों के अमूल्य योगदान को सम्मान देने के लिए हर साल राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमारे अन्नदाताओं की कड़ी मेहनत, संघर्ष और समर्पण को याद करने का अवसर प्रदान करता है। साथ ही, उन्होंने 'विकसित भारत - जी राम जी विधेयक, 2025' के बारे में किसानों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि यह विधेयक मनरेगा को बदलकर ग्रामीण रोजगार और आजीविका के लिए 100 दिनों से बढ़ाकर 125 दिनों के रोजगार की गारंटी देता है, और ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण को प्राथमिकता दी जाती है। इसका लक्ष्य पंचायतों को सशक्त बनाते हुए ग्रामीण विकास को गति देना है, जो 'विकसित भारत 2047' के विजन से जुड़ा है। क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र, मधोपुर की प्रभारी डॉ. नीरज कुमार ने अपने संबोधन में बताया कि भारत के पांचवें प्रधानमंत्री श्री चौधरी चरण सिंह को किसानों का 'चैंपियन' कहा जाता है, क्योंकि उनका पूरा राजनीतिक जीवन ग्रामीण भारत, किसानों और खेतिहर मजदूरों के उत्थान को समर्पित रहा। राष्ट्रीय गोकुल मिशन की प्रभारी डॉ. राजीव कुमार अस्थाना एवं वैज्ञानिक डॉ. रंजन कुमार ने पशुपालन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि देश की अर्थव्यवस्था में इसका महत्वपूर्ण योगदान है। यह न केवल ग्रामीण आजीविका का एक प्रमुख स्रोत है, बल्कि खाद्य सुरक्षा, पोषण और औद्योगिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विषय वस्तु विशेषज्ञ (पौधा संरक्षण) डॉ. सौरभ दुबे ने किसानों को फसलों में कीट एवं रोग प्रबंधन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं। उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जीवन, विचारों और किसानों के सशक्तिकरण के लिए किए गए योगदान से भी अवगत कराया। विषय वस्तु विशेषज्ञ (मत्स्य विज्ञान) डॉ. जगपाल ने मत्स्य पालन की आधुनिक एवं लाभकारी तकनीकों की जानकारी दी। उन्होंने चौधरी चरण सिंह को गरीब, असहाय व किसानों का मसीहा बताते हुए कहा कि वह स्वयं किसान परिवार से ताल्लुक रखते थे और उनकी समस्याओं को अच्छी तरह समझते थे। विषय वस्तु विशेषज्ञ (कृषि अभियांत्रिकी) डॉ. चेलपुरी रामलु ने कृषि यंत्रीकरण, आधुनिक कृषि उपकरणों एवं उनकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर, कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 10 प्रगतिशील किसानों को शॉल (अंगवस्त्र) एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के दौरान जीविका दीदियों को 'नारी परियोजना' के अंतर्गत बेहतर पोषण के उद्देश्य से सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सब्जी बीज के किट प्रदान किए गए। कार्यक्रम में केंद्र के सभी कर्मी एवं वरीय शोधकर्ता प्रोफेशनल उपस्थित थे।

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